शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2023

तब तकलीफ बहुत होती है

भोलेपन का लाभ उठाकर

भीतर भीतर घात लगाकर

गले लगाकर गला दबाकर

जब कोई अपना छलता है

तब तकलीफ बहुत होती है।

तब तो दर्द बहुत होता है।


मेरी ही थाली में खाकर

मेरी ही प्याली में पीकर

जब मेरी अपनी ही बिल्ली

मुझसे ही म्याऊँ करती है

तब तकलीफ बहुत होती है।

तब तो दर्द बहुत होता है।


मेरे ही ऊपर जब चढ़कर

मेरे ही लिखे को पढ़कर

मेरा कहा मुझे ही कहकर

धक्का देकर बढ़ जाता है

तब तकलीफ बहुत होती है

तब तो दर्द बहुत होता है


-श्री नारायण शुक्ल, १३-अक्तूबर-२०२३

 

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